Move to Jagran APP

Vikata Sankashti Chaturthi 2024: बेहद मंगलकारी है विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत, इस दिन जरूर करें गणेश कवच का पाठ

विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikata Sankashti Chaturthi 2024) का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। संकष्टी का अर्थ है समस्याओं से मुक्ति। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं। इस दिन गणेश कवच का पाठ भी बेहद शुभ माना जाता है जो इस प्रकार है -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Thu, 25 Apr 2024 12:12 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2024 12:12 PM (IST)
Vikata Sankashti Chaturthi 2024: गणेश कवच का पाठ

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vikata Sankashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत बेहद कल्याणकारी माना जाता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन का उपवास रखते हैं और भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें सौभाग्य का वरदान मिलता है।

loksabha election banner

बता दें, यह दिन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इस साल यह 27 अप्रैल, 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। इस दिन 'गणेश कवच' का पाठ करना भी अति लाभकारी होता है, तो आइए यहां पढ़ते हैं -

।।गणेश कवचम्।।

ध्यायेत् सिंहगतं विनायकममुं दिग्बाहुमाद्ये युगे,

त्रेतायां तु मयूरवाहनममुं षड्बाहुकं सिद्धिदम्।

द्वापरे तु गजाननं युगभुजं रक्ताङ्गरागं विभुं,

तुर्ये तु द्विभुजं सितांगरुचिरं सर्वार्थदं सर्वदा ॥

विनायकः शिखां पातु परमात्मा परात्परः।

अतिसुन्दरकायस्तु मस्तकं महोत्कटः॥

ललाटं कश्यपः पातु भ्रूयुगं तु महोदरः।

नयने फालचन्द्रस्तु गजास्यस्त्वोष्ठपल्लवौ॥

जिह्वां पातु गणक्रीडश्चिबुकं गिरिजासुतः।

वाचं विनायकः पातु दन्तान् रक्षतु दुर्मुखः ॥

श्रवणौ पाशपाणिस्तु नासिकां चिन्तितार्थदः।

गणेशस्तु मुखं कण्ठं पातु देवो गणञ्जयः॥

स्कन्धौ पातु गजस्कन्धः स्तनौ विघ्नविनाशनः।

हृदयं गणनाथस्तु हेरंबो जठरं महान् ॥

धराधरः पातु पार्श्वौ पृष्ठं विघ्नहरः शुभः।

लिंगं गुह्यं सदा पातु वक्रतुण्डो महाबलः ॥

गणक्रीडो जानुजंघे ऊरू मङ्गलमूर्तिमान्।

एकदन्तो महाबुद्धिः पादौ गुल्फौ सदाऽवतु॥

क्षिप्रप्रसादनो बाहू पाणी आशाप्रपूरकः।

अंगुलींश्च नखान् पातु पद्महस्तोऽरिनाशनः॥

सर्वांगानि मयूरेशो विश्वव्यापी सदाऽवतु।

अनुक्तमपि यत्स्थानं धूम्रकेतुः सदाऽवतु॥

आमोदस्त्वग्रतः पातु प्रमोदः पृष्ठतोऽवतु।

प्राच्यां रक्षतु बुद्धीशः आग्नेयां सिद्धिदायकः॥

दक्षिणस्यामुमापुत्रो नैरृत्यां तु गणेश्वरः ।

प्रतीच्यां विघ्नहर्ताव्याद्वायव्यां गजकर्णकः॥

कौबेर्यां निधिपः पायादीशान्यामीशनन्दनः ।

दिवाऽव्यादेकदन्तस्तु रात्रौ सन्ध्यासु विघ्नहृत्॥

राक्षसासुरवेतालग्रहभूतपिशाचतः ।

पाशाङ्कुशधरः पातु रजस्सत्वतमःस्मृतिम् ॥

ज्ञानं धर्मं च लक्ष्मीं च लज्जां कीर्तिं तथा कुलम्।

वपुर्धनं च धान्यं च गृहदारान् सुतान् सखीन् ॥

सर्वायुधधरः पौत्रान् मयूरेशोऽवतात्सदा ।

कपिलोऽजाविकं पातु गजाश्वान् विकटोऽवतु॥

भूर्जपत्रे लिखित्वेदं यः कण्ठे धारयेत् सुधीः।

न भयं जायते तस्य यक्षरक्षपिशाचतः ॥

त्रिसन्ध्यं जपते यस्तु वज्रसारतनुर्भवेत्।

यात्राकाले पठेद्यस्तु निर्विघ्नेन फलं लभेत् ॥

युद्धकाले पठेद्यस्तु विजयं चाप्नुयाद्द्रुतम् ।

मारणोच्चाटनाकर्षस्तंभमोहनकर्मणि ॥

सप्तवारं जपेदेतद्दिनानामेकविंशतिम्।

तत्तत्फलमवाप्नोति साध्यको नात्रसंशयः ॥

एकविंशतिवारं च पठेत्तावद्दिनानि यः ।

कारागृहगतं सद्यो राज्ञावध्यश्च मोचयेत् ॥

राजदर्शनवेलायां पठेदेतत् त्रिवारतः।

स राजानं वशं नीत्वा प्रकृतीश्च सभां जयेत् ॥

गणेश जी की स्तुति

''ॐ श्री गणेशाय नम:

ॐ गं गणपतये नम:

ॐ वक्रतुण्डाय नम:

ॐ हीं श्रीं क्लीं गौं ग: श्रीन्महागणधिपतये नम:

गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्

उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्''

यह भी पढ़ें: Varuthini Ekadashi 2024: रोग-दोष से मिलेगी मुक्ति, दूर होगी आर्थिक तंगी, वरुथिनी एकादशी पर करें तुलसी के ये उपाय

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.